मैं (मिलान में) भारत में बीते दो-तीन दिन से बड़े शहरों से लाखों लोगों के पलायन की खबरें पढ़ रही हूं। आगाह करना चाहूंगी कि यह बहुत खतरनाक संकेत हैं। दरअसल इटली में हमने एक-डेढ़ महीने पहले ऐसा ही पलायन देखा और उसके बाद कोरोना वायरस कैसी त्रासदी में बदल चुका है, पूरी दुनिया देख रही है।
इटली भौगोलिक तौर पर उत्तर और दक्षिण के रूप में भी पहचाना जाता है। उत्तरी इटली में कई ऐसे केंद्र हैं। लोम्बार्डी को देश की औद्योगिक शक्ति कहा जाता है। यहां बड़ी संख्या में दक्षिण इटली के सिसिलिया, नेपल्स, पालेर्मो आदि से नागरिक आकर काम करते हैं।
बड़े स्तर पर कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत यहीं से हुई। जब देश के विभिन्न हिस्सों को एक के बाद लॉकडाउन किया जा रहा था तो इसे छुट्टियां मानते हुए दक्षिण इटली के हजारों लोग अपने घर की ओर पलायन कर गए।
जब लॉकडाउन हुआ तो हजारों लोग दक्षिण इटली पहुंच चुके थे। लोगों ने सोचा था 10-15 दिन में हालात सुधर जाएंगे। अब चूंकि परिवहन भी बंद है, तो वे वहीं फंस गए हैं। पहले उत्तरी इटली में वायरस ने भयावहता दिखाई और अब वह दक्षिण में भी पांव पसार चुका है।
बड़े स्तर पर कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत यहीं से हुई। जब देश के विभिन्न हिस्सों को एक के बाद लॉकडाउन किया जा रहा था तो इसे छुट्टियां मानते हुए दक्षिण इटली के हजारों लोग अपने घर की ओर पलायन कर गए।
जब लॉकडाउन हुआ तो हजारों लोग दक्षिण इटली पहुंच चुके थे। लोगों ने सोचा था 10-15 दिन में हालात सुधर जाएंगे। अब चूंकि परिवहन भी बंद है, तो वे वहीं फंस गए हैं। पहले उत्तरी इटली में वायरस ने भयावहता दिखाई और अब वह दक्षिण में भी पांव पसार चुका है।
ट्रेनों से पहुंचे घर, उनमें भी संक्रमण फैलाया...
जब लोगों का पलायन हुआ, अधिकतर ट्रेनें चल रही थीं। लोगों ने इन्हीं का उपयोग किया। अचानक ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई। कोरोना वायरस के बारे में जगजाहिर तथ्य है कि इसके संक्रमितों में सात से 14 दिन तक संक्रमण के लक्षण भी नहीं दिखते। नतीजा, ट्रेन में मौजूद आम लोग भी संक्रमित होते गए। ट्रेनों से दूसरे यात्रियों में वायरस फैलता रहा।
डॉक्टर पड़ गए कम खतरे में काम करने आ रहे रिटायर्ड
इटली में डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी महसूस की जा रही है। इससे निपटने के लिए रिटायर्ड चिकित्साकर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिन शहरों में संक्रमण कम है, वहां से डॉक्टर जान का खतरा मोल लेकर ज्यादा संक्रमण वाले शहरों में सेवाएं देने पहुंच रहे हैं। कई ने मरीजों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी है। डॉक्टरों को देश में पहले से ज्यादा सम्मान से देखा जा रहा है। क्यूबा और चीन ने भी डॉक्टर भेजे हैं।